Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English: श्री महालक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। ये भगवान विष्णु की पत्नी हैं। ये समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं। लक्ष्मी जी ने खुद ही भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना। ये क्षीर सागर में भगवान विष्णु के साथ निवास करती हैं। महालक्ष्मी को श्री के रूप में भी जाना जाता है। इनकी पूजा से धन, सुख, समृद्धि और शांति मिलती है। लक्ष्मी जी की पूजा खासतौर से दीपावली पर की जाती है, लेकिन वैभव लक्ष्मी व्रत, कोजागर पूर्णिमा, लक्ष्मी जयंती (फाल्गुन पूर्णिमा) लक्ष्मी पंचमी (चैत्र शुक्ल पंचमी ) और वरलक्ष्मी व्रत आदी त्यौहार भी लक्ष्मी पूजा के लिए मनाए जाते हैं। इनके अलावा शुक्रवार को भी लक्ष्मी जी का दिन मानकर इस दिन पूजा और आरती की जाती है। इनके व्रत और त्यौहारों के अलावा भी रोज सुबह शाम लक्ष्मीजी की आरती करनी चाहिए, लेकिन रोज नहीं कर सकते हैं तो गुरुवार और शुक्रवार को विशेष रुप से करें।
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English
कैसे करें आरती -
लक्ष्मी जी की आरती में 16 पंक्तियां हैं। शक्ति तत्व की देवी होने से इन पंक्तियों को ऊंची राग के साथ मध्यम स्वर और मध्यम वेग में गाया जाना चाहिए। इस बात का ध्यान रहे कि आरती का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। राजसिक शक्ति होने के कारण लक्ष्मी जी की आरती में मधुर स्वर उत्पन्न करने वाले वाद्य यंत्र बजाने चाहिए। इन यंत्रों को हल्के हाथ से बजाएं ताकि मधुर ध्वनि उत्पन्न हो। आरती के लिए शुद्ध कपास यानी रूई से बनी घी की बत्ती होनी चाहिए। तेल की बत्ती का उपयोग करने से बचना चाहिए। कपूर आरती भी की जाती है। बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस हो सकती है। आरती घड़ी के कांटो की दिशा में लयबद्ध तरीके से करनी चाहिए।
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English | आरती करने से पहले ये मंत्र बोलें
या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:
पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:।
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा
तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्॥
अर्थ - जो पुण्यात्माओं के घरों में स्वयं ही लक्ष्मीरूप से, पापियों के यहाँ दरिद्रतारूप से, शुद्ध अन्त:करणवाले पुरुषों के हृदय में बुद्धिरूप से, सत्पुरुषों में श्रद्धारूप से तथा कुलीन मनुष्य में लज्जारूप से निवास करती हैं, उन महालक्ष्मी को हम नमस्कार करते हैं। देवि! आप सम्पूर्ण विश्व का पालन कीजिये।
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English | लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English: Shri Mahalakshmi is the goddess of wealth, prosperity and good fortune. She is the consort of Lord Vishnu. These were revealed during the churning of the sea. Lakshmi herself chose Lord Vishnu as her husband. She resides in the Kshi Sagar with Lord Vishnu. Mahalakshmi is also known as Sri. Their worship brings wealth, happiness, prosperity and peace. Lakshmi ji is worshiped exclusively on Deepawali, but Vaibhav Lakshmi Vrat, Kojagara Purnima, Lakshmi Jayanti (Phalgun Purnima) Lakshmi Panchami (Chaitra Shukla Panchami) and Varalakshmi Vrat Adi festivals are also celebrated for Lakshmi Puja. Apart from these, Friday is also considered a day of Lakshmi ji and worship and aarti are performed on this day. Apart from their fast and festivals, one should perform Lakshmiji's Aarti every morning and evening, but if you cannot do it everyday, do it on Thursday and Friday especially.
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi-English | How to perform Aarti
There are 16 lines in Lakshmi Ji's Aarti. Being the Goddess of Shakti Tattva, these lines should be sung in a medium tone and medium velocity with high raga. Keep in mind that the pronunciation of Aarti should be pure. Due to the royal power, Lakshmi ji's aarti should play musical instruments that produce a melodious voice. Play these instruments with a light hand to produce a melodious sound. Aarti should be made of pure cotton i.e. ghee made from cotton. Use of oil lights should be avoided. Kapoor aarti is also performed. The number of lights can be one, five, nine, eleven or twenty one. The aarti should be done in a clockwise direction in a clockwise direction.
Say these mantras before performing Aarti:
Ya Sri: Self Sukrishinam Bhavneshwakshmi:
Papatāmātā कृतa gratitude Hridayeshu Wisdom:.
Shraddha satan kuljanprabhavashya shame
Tanta Tanta Nata: Sm Paripalaya Devi Vishwam.
Meaning: We salute Mahalakshmi, who lives in the houses of the saintly people, in the form of Lakshmi form, in the heart of sinners, in the heart of pure conscience men, in the heart of men, in reverence and in noble men, with pride. . Devi! Follow the whole world.
Subah-Subah Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In English | Aarti of Laxmi Maata Ji In English
ॐ Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Laxmi Mata.
Nishidin Sevat to you, Hari Vishnu Vidhata
Om Jai Lakshmi Mata
Uma, Rama, the universe, you are the Mother.
Surya-moon meditation, Narada sage sings
Om Jai Lakshmi Mata
Durga Rup Niranjani, the giver of happiness.
Whoever gets your attention, wealth and prosperity.
Om Jai Lakshmi Mata
You are mortals, you are good-wishers.
Karma-Prabhaka-Prakasini, Bhavnidhi Ki Trata
Om Jai Lakshmi Mata
The house where you live, everything comes to virtue.
Everything is possible, the mind does not panic.
Om Jai Lakshmi Mata
You would not have sacrificed without sacrificing anyone.
The glory of food and drink, everything comes from you.
Om Jai Lakshmi Mata
Auspicious-quality temple is beautiful, Kshirodadhi-jata.
Ratna Chaturdash without you, no one gets
Om Jai Lakshmi Mata
Aarti of Mahalakshmi ji, whoever sings.
Ur joy, sin, sin goes away.
Om Jai Lakshmi Mata
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